आधुनिकता कहीं हमारे विनाश का कारण तो नहीं ?
नमस्कार दोस्तों
आज वर्तमान समय में लोग और पूरी मानव प्रजाति प्रगति के पथ पे है तथा निरंतर आगे बड़ती जा रही है | मानव ने अपनी जर्रूरतों का सारा प्रबंध कर लिया हैं | एक चुटकी बजाते वास्तु सामने होती है| एसा कोई काम नहीं है जो मानव नहीं कर सकता, मनुष्य निरंतर आधुनिकता की और आगे बड़ता जा रहा है |
हर काम को करने का आसान तरीका मौजूद है | बिना शारीरिक श्रम किये बड़े से बड़े काम को मिनटों में पूरा किया जा सकता है | मानव आज इतना आगे जा चूका है की वह कुछ दिनों बाद इश्वर को चुनोती दे सकता हैं |
एसा संभव है की मानव अपनी मृत्यु तक को भी जीत सके |
इसमे कोई दो राय नहीं है की ये सभी आविष्कार और प्रयोग मानव जाति के कठिन परिश्रम का फल है |
दोस्तों शायद हम इन्हें सुख सुविधाओं का साधन मान सकते है परन्तु मेरे विचार से हम जितना इन चीज़ों की तरफ बड रहे हैं हम उतने हैं अपने विनाश और समस्याओं के भी निकट पहुँच रहे हैं |
आज वर्तमान समय में लोग और पूरी मानव प्रजाति प्रगति के पथ पे है तथा निरंतर आगे बड़ती जा रही है | मानव ने अपनी जर्रूरतों का सारा प्रबंध कर लिया हैं | एक चुटकी बजाते वास्तु सामने होती है| एसा कोई काम नहीं है जो मानव नहीं कर सकता, मनुष्य निरंतर आधुनिकता की और आगे बड़ता जा रहा है |
हर काम को करने का आसान तरीका मौजूद है | बिना शारीरिक श्रम किये बड़े से बड़े काम को मिनटों में पूरा किया जा सकता है | मानव आज इतना आगे जा चूका है की वह कुछ दिनों बाद इश्वर को चुनोती दे सकता हैं |
एसा संभव है की मानव अपनी मृत्यु तक को भी जीत सके |
इसमे कोई दो राय नहीं है की ये सभी आविष्कार और प्रयोग मानव जाति के कठिन परिश्रम का फल है |
दोस्तों शायद हम इन्हें सुख सुविधाओं का साधन मान सकते है परन्तु मेरे विचार से हम जितना इन चीज़ों की तरफ बड रहे हैं हम उतने हैं अपने विनाश और समस्याओं के भी निकट पहुँच रहे हैं |
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